अच्छी खबर : वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय में फिर शुरू हुई MSC एवं MA भूगोल की पढ़ाई


VMOU KOTA

VMOU : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने दी विज्ञान विषयों के एमएससी पाठ्यक्रम शुरू करने की इजाजत
कोटा. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो (डैब) ने आखिरकार राज्य की इकलौते वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय (वीएमओयू) को विज्ञान पाठ्यक्रमों की पढ़ाई शुरू करने की इजाजत दे ही दी। डैब की हरी झंडी मिलने के बाद विवि ने अब फिर से भूगोल, भौतिकी, रसायन, वनस्पति शास्त्र और जन्तु विज्ञान में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू कर दिए हैं।

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 यूजीसी का डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो हर साल खुला विश्वविद्यालयों में मौजूद शिक्षकों, संसाधनों और नोडल एजेंसियों से मिली मान्यता की समीक्षा कर साल भर के लिए पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति जारी करता था। शैक्षणिक सत्र 2017-18 के लिए डैब ने वीएमओयू में 37 स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति दी थी, लेकिन अगस्त 2018 में आदेश जारी कर विज्ञान के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के साथ-साथ बीएड, एमसीए और एमबीए जैसे नौ पाठ्यक्रमों के संचालन पर रोक लगा दी थी। हालांकि विवि की आपत्ति के बाद एमएससी पाठ्यक्रमों को छोड़कर बाकी सभी पाठ्यक्रम शैक्षणिक सत्र 2018-19 से ही शुरू कर दिए गए।

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दो सत्र तक रोक

वीएमओयू पिछले 32 सालों से विज्ञान में स्नातक और स्नातकोत्तर करवार रहा है, लेकिन अगस्त 2018 तक विवि परिसर में साइंस लैब स्थापित नहीं होने पर उसे इन विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित करने से रोक दिया गया, लेकिन अब लैब के निर्माण का काम अंतिम चरण में होने पर विज्ञान की पढ़ाई का रास्ता फिर खुल गया है, हालांकि इसके चलते जुलाई 2018 और दिसंबर 2018 सत्र में पूरे राजस्थान के छात्र एमएससी पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने से वंचित रह गए। इससे वीएमओयू को भी लाखों रुपए की हानि हुई।


5 साल के लिए मान्यता:
वीएमओयू के कुलपति प्रो. आरएल गोदारा ने शनिवार को बताया कि इसके बाद हमें 2023 तक यूजीसी और डैब से इनके संचालन की सालाना अनुमति भी नहीं लेनी पड़ेगी, हालांकि यह सुविधा केवल उन्हीं क्षेत्रीय केंद्रों के अध्ययन केंद्रों पर मिलेगी जिन्हें यूजीसी के मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा विनियम 2017 के तहत अर्हता प्राप्त हैं।

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आदेश मिलते ही पढ़ाई शुरू:
निदेशक अकादमिक प्रो एचबी नंदवाना ने बताया कि मान्यता मिलने के बाद 22 अध्ययन केंद्रों पर रसायन विज्ञान, 15 केंद्रों पर प्राणि शास्त्र, 11 केंद्रों पर वनस्पति शास्त्र, 7 केन्द्रों पर भौतिकी और एक अध्ययन केंद्र पर भूगोल की पढ़ाई शुरू कर दी गई है, हालांकि भूगोल में एमए पाठ्यक्रम पहले से ही 50 अध्ययन केंद्रों पर चल रहा है और इसमें करीब पांच हजार से ज्यादा छात्रों ने प्रवेश ले रखा है।

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